Thursday, June 14, 2012

खत्म होगा ममता का खेल ....

ममता बनर्जी का खेल खत्म होने वाला है। ममता की राजनीति को अगर आप थोडा भी समझते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि ये अविश्वसनीय, अड़ियल और जिद्दी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को इन्होंने खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया था। ममता वही है, हां अटल जैसे स्वाभिमानी मनमोहन सिंह नहीं हैं, ये अपनी जब तक पूरी किरकिरी और थू थू नहीं करा लेंगे, कुर्सी छोड़ने वाले नहीं है। वरना तो जिस तरह से इनका नाम मुलायम और ममता ने राष्ट्रपति पद के लिए लिया है, उससे साफ हो गया है कि आप यूपीए गठबंधन के निर्विवाद नेता नहीं रहे। लिहाजा आपको सरकार और देशहित में तुरंत कुर्सी छोड़कर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। खैर मनमोहन से ऐसे आदर्श की उम्मीद करना बैल से दुहना जैसा है।

खैर अब ममता की मुसीबत बढ़ने वाली है। वो कहने है ना ......... घर का ना घाट का। वैसी ही स्थिति बनने होने जा रही है ममता की। ममता की आज तक किसी से नहीं बनी है, तो भला मुलायम सिंह यादव से कितनी देर बनी रहेगी। ममता कभी भी सोच समझ कर ठंडे दिमाग से फैसला नहीं करती हैं। उनका  राजनीतिक मान मर्यादा से कोई सरोकार नहीं है। उनके लिए राष्ट्रपति का चुनाव और ग्राम प्रधान के चुनाव में कोई अंतर नहीं है। इस बार ममता मुलायम को समझने में धोखा खा रही है। उन्हें पता होना चाहिए कि मुलायम की आय से अधिक संपत्ति के मामले में बहुत फुरे फंसे हुए हैं, यही वजह है कि न्यूक्लीयर डील के दौरान जब यूपीए 1 से वामपंथियों ने सरकार से समर्थन वापस लिया था, तो मुलायम झट से 10 जनपथ पहुंच गए और सरकार को समर्थन का ऐलान कर दिया। जबकि सबको पता है कि वामपंथियों से समाजवादी पार्टी के बहुत अच्छे रिश्ते थे। ये बात जानते हुए भी ममता ने मुलायम पर भरोसा किया है, जल्दी उन्हें मुलायम की हकीकत की जानकारी हो जाएगी।

सच ये है कि कांग्रेस को मुलायम की जरूरत है, उतना ही सच ये भी है कि मुलायम को कांग्रेस की कहीं ज्यादा जरूरत है। मुलायम के खिलाफ सीबीआई में आय से अधिक संपत्ति का मामला अभी भी विचाराधीन है और इसमें मुलायम सिंह बहुत बुरी तरह फंसे हुए हैं। ऐसे में मुलायम नहीं चाहेंगे कि उनकी छीछालेदर हो। ये डर उन्हें काफी समय से बना हुआ है, यही वजह है कि यूपीए वन को भी उन्होंने समर्थन दिया था, ये समर्थन उस समय भी जारी था, जब केंद्र सरकार समाजवादी पार्टी की कोई भी मांग मानने को तैयार नहीं थी। अभी भी मुलायम सिंह सरकार को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं। पर ताजा हालात जो बन रहे हैं, उससे लगता है कि अब कांग्रेस ममता को किनारे लगाएगी और मुलायम को सरकार के अंदर लाने की पूरी कोशिश होगी। इतना नहीं मुलायम को कुछ अच्छे मंत्रालयों की भी पेशकश की जा सकती है। बहरहाल मामले चल रहे हैं, अभी कुछ भी अंतिम नहीं हो सकता है, पर ममता की मुश्किल जरूर बढने वाली है।   
   

1 comment:

  1. संभव है ममता आग चल कर पलटी मारे और मुलायम को मुँह दिखाने लायक न छोड़े. मुझे इसकी संभावना अधिक लगती है.

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