Wednesday, September 5, 2012

हैप्पी.... टीचर्स डे

हाहहाहाह... कितना समय बदल गया। कल के टीचर सिर्फ यादों में रह गए हैं और आज का "टीचर" हमेशा साथ है। वो टीचर पूरे दिन पढ़ा पढ़ाकर दिमाग को थका देते थे, ये टीचर दिमाग को कितना शुकून देता है। अब देखिए उस पुराने टीचर का देश दुनिया में कितना सम्मान है, लेकिन बेचारे इस टीचर को तो घर में भी उतना सम्मान नहीं मिल पाता है, जितने का ये हकदार है।
चलिए जी आज के इस मुबारक मौके पर हम दोनों टीचर को दिल से याद करते हैं। हालाकि एक बात तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वो टीचर हमारे जीवन को सुधारने के लिए पूरे दिन डांट डपट करते रहे और इस टीचर की वजह से डांट डपट होती रहती है। उस टीचर के साथ जीवन का मकसद जुड़ा था और इस टीचर के साथ जीवन का अंतिम सत्य...।

चलिए जी कोई बात नहीं..  HAPPY TEACHER’s DAY

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